10
अप्रैल 2025:
अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और नींद के दौरान आपका सामान चोरी
हो जाए, तो क्या इसकी जिम्मेदारी रेलवे की है? इस सवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कर
दिया है कि ट्रेन में आपका सामान चोरी होता है तो इसकी जिम्मेदारी खुद आपकी होगी,
रेलवे को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
यह
मामला 2013
का है। एक व्यक्ति नई दिल्ली से नागपुर जा रहा था। वह थर्ड एसी कोच
में सफर कर रहा था और सोते समय उसका बैग चोरी हो गया। उस बैग में लैपटॉप, चार्जर, चश्मा और एटीएम कार्ड था। पीड़ित ने रेलवे
से 1 लाख रुपये और 84,000 रुपये सामान
के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की थी। जब यह मामला उपभोक्ता आयोग (कंज्यूमर
कोर्ट) में गया, तो वहां से भी उसे राहत नहीं मिली।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच ने कहा कि ट्रेन में सफर के दौरान अपने सामान की सुरक्षा करना यात्री की खुद की जिम्मेदारी है। अगर चोरी होती है, तो केवल इस आधार पर रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता कि यात्री सो रहा था या दरवाजा खुला था। कोर्ट ने कहा कि कोई भी यात्री इस तरह की स्थिति के लिए रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, जब तक कि सुरक्षा में भारी चूक साबित न हो।रेलवे की दलील क्या
थी?
रेलवे ने कहा कि देशभर में उनका नेटवर्क बहुत बड़ा है। अगर हर चोरी
की घटना पर उन्हें मुआवजा देना पड़े तो पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाएगा। रेलवे ने यह भी
कहा कि हर यात्री को अपने सामान की सुरक्षा खुद करनी चाहिए, इसमें
यह व्यक्ति चूक गया।
निष्कर्ष:
अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि ट्रेन में सफर
के दौरान यदि आपका सामान चोरी होता है, तो आप खुद जिम्मेदार
होंगे। रेलवे को हरजाना देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जब तक कि उनकी ओर से लापरवाही साबित न हो।