जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट को अब एक नया कार्यवाहक मुख्य
न्यायाधीश मिला है। जस्टिस संजीव कुमार को इस पद पर नियुक्त किया गया है।
यह नियुक्ति इसलिए की गई क्योंकि अब तक के मुख्य न्यायाधीश ताशी रबस्तान सेवानिवृत्त
हो गए हैं।
क्यों जरूरी हुई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति?
जब किसी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रिटायर हो जाते हैं और नए न्यायाधीश की नियुक्ति अभी बाकी होती है, तो कोर्ट का कामकाज बिना रुकावट चलता रहे, इसके लिए एक कार्यवाहक (Acting) मुख्य न्यायाधीश को चुना जाता है।क्या है आगे की प्रक्रिया?
सुप्रीम कोर्ट के कोलिजियम ने 4 अप्रैल को जस्टिस अरुण पल्ला (जो फिलहाल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जज हैं) को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। लेकिन उनकी नियुक्ति पर केंद्र सरकार की मंजूरी अभी बाकी है। जब तक यह मंजूरी नहीं मिलती, तब तक संजीव कुमार कार्यवाहक सीजे (CJI) के रूप में काम देखेंगे।संजीव कुमार का न्यायिक सफर
संजीव कुमार ने 6 जून 2017 को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में शपथ ली थी। तब से वे न्यायिक सेवा में सक्रिय हैं और अब उन्हें कोर्ट का नेतृत्व करने का अस्थायी दायित्व सौंपा गया है।
इस नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया गया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
हाई कोर्ट का काम बिना किसी रुकावट के जारी रहे। अब सबकी नजरें केंद्र सरकार की
मंजूरी पर हैं, जिससे नियमित मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति हो
सके।