19 अप्रैल 2025
सुप्रीम कोर्ट ने
उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग के एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए इलाहाबाद
हाईकोर्ट और निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। कोर्ट
ने साफ कहा कि आरोपी परिवार पर गैर इरादतन हत्या (IPC
304) नहीं, बल्कि सीधी हत्या (IPC 302)
का मामला चलेगा।
मामला क्या है?
यह मामला उत्तर
प्रदेश के सहारनपुर का है, जहां 26 वर्षीय जिया-उर-रहमान की कथित तौर पर उसकी प्रेमिका के परिवार वालों ने
पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। कहा जा रहा है कि यह एक ऑनर
किलिंग (इज्जत के नाम पर हत्या) का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने
क्यों जताई नाराजगी?
सुप्रीम कोर्ट की
पीठ,
जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार शामिल
थे, ने कहा कि इस मामले में "गैर इरादतन हत्या"
का आरोप बहुत हल्का है, जबकि घटनाक्रम पूरी तरह से
इरादतन हत्या की ओर इशारा करता है।
विशेष लोक अभियोजक की होगी नियुक्ति
कोर्ट ने आदेश दिया
कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव इस मामले में एक विशेष लोक अभियोजक (Special
Public Prosecutor) की नियुक्ति करें, ताकि केस सही तरीके से चल सके। यह नियुक्ति मृतक रहमान के पिता की सहमति
से की जाएगी।
कौन-कौन सी धाराएं
लागू होंगी?
- IPC 304 (गैर इरादतन
हत्या): इसमें 10
साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- IPC 302 (हत्या):
इसमें उम्रकैद या मौत की सजा का प्रावधान है।
इस मामले में पहले
पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज किया था, जिसे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह
सीधा हत्या का मामला है, इसलिए धारा 302
लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट के
इस फैसले से ऑनर किलिंग जैसे मामलों में न्याय की उम्मीद को मजबूती मिली है। अब
आरोपी परिवार पर हत्या का मुकदमा चलेगा, और सख्त
सजा की संभावना बढ़ गई है।