कोर्ट
ने स्पष्ट किया कि CLAT पीजी परीक्षा से जुड़ी
याचिकाओं की सुनवाई अब 21 अप्रैल को अलग से की जाएगी।
सुनवाई
के दौरान एक छात्र खुद अदालत में पेश हुआ और अपनी बात रखी। उसने कहा कि परीक्षा
में पूछे गए संविदा कानून (Contract Law) से संबंधित कुछ सवाल पाठ्यक्रम से बाहर थे। इन सवालों को हल करने के लिए
उम्मीदवारों को पहले से कुछ विशेष कानूनी ज्ञान, जैसे
‘निरसन योग्य अनुबंध’ और ‘प्रतिफल’ की समझ होना जरूरी
था।
अब
कोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह
तय होगा कि CLAT UG 2025 के नतीजों को लेकर आगे क्या कदम
उठाए जाएंगे।
कॉमन
लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) क्या है?
कॉमन
लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) एक
राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जो भारत के प्रमुख
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs) में एलएलबी (UG)
और एलएलएम (PG) जैसे कानून के पाठ्यक्रमों
में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है।
इसे
कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ द्वारा हर साल आयोजित किया जाता है।
CLAT
परीक्षा के बारे में मुख्य बातें:
1.
किसके लिए होती है?
- CLAT-UG (Undergraduate):
12वीं पास या 12वीं में पढ़ रहे छात्र,
जो LLB (5 वर्षीय) कोर्स करना चाहते हैं।
- CLAT-PG (Postgraduate):
वे छात्र जिन्होंने LLB कर लिया है और LLM
करना चाहते हैं।
2.
परीक्षा का उद्देश्य:
देश
की 20+
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs) में दाखिले के
लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन।
3.
परीक्षा का स्वरूप (UG):
- प्रश्नों की संख्या:
लगभग 120
- प्रकार:
वस्तुनिष्ठ (MCQ)
- विषय:
अंग्रेज़ी, करेंट अफेयर्स, लीगल रीजनिंग, लॉजिकल रीजनिंग और क्वांटिटेटिव
टेक्निक्स
4.
CLAT स्कोर का उपयोग:
- सिर्फ NLU
ही नहीं, कई प्राइवेट लॉ कॉलेज भी CLAT
स्कोर के आधार पर दाखिला देते हैं।
- कुछ सरकारी संस्थानों और
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ भी LLM (PG) के लिए CLAT स्कोर को मान्यता देती हैं।
5.
परीक्षा की भाषा:
CLAT
परीक्षा अंग्रेजी भाषा में होती है।
अगर
आप वकील बनना चाहते हैं या क़ानून की पढ़ाई में रुचि रखते हैं,
तो CLAT आपके लिए पहला और सबसे अहम कदम है।