विदेशी भारतीय नागरिकता: एक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य।
परिचय
भारतीय संविधान में
नागरिकता का विशेष महत्व है। नागरिकता किसी व्यक्ति की राष्ट्रीय पहचान और कानूनी
स्थिति को निर्धारित करती है। विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas
Citizenship of India - OCI) उन लोगों के लिए एक
विशेष प्रावधान है, जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता
अपना ली है, लेकिन वे अब भी भारत से जुड़ाव बनाए रखना चाहते
हैं।
OCI कार्ड
धारकों को भारत में कई प्रकार की सुविधाएँ दी जाती हैं, लेकिन
वे भारतीय नागरिकों के समान सभी अधिकारों के हकदार नहीं होते। भारतीय संविधान के
अनुच्छेद 5 से 11 नागरिकता से संबंधित
प्रावधान प्रदान करते हैं, और भारतीय नागरिकता अधिनियम,
1955 इसके कानूनी पहलुओं को परिभाषित करता है।
इस लेख में,
हम विदेशी भारतीय नागरिकता के संवैधानिक आधार, न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसलों, और इसके प्रभाव पर
विस्तार से चर्चा करेंगे।
विदेशी भारतीय नागरिकता का महत्व
1. भारत के साथ जुड़ाव
🟢 OCI कार्ड धारक भारत
में अनिश्चित काल तक रह सकते हैं।
🟢 उन्हें
व्यापार करने, संपत्ति खरीदने, और शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति होती है।
🟢 यह
उन लोगों के लिए एक विशेष सुविधा है, जो किसी
कारणवश विदेशी नागरिक बन गए हैं लेकिन भारत से भावनात्मक और व्यावसायिक रूप से
जुड़े रहना चाहते हैं।
2. आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान
🟡 भारतीय मूल के
प्रवासी (NRI) और OCI धारक भारत में
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक प्रमुख स्रोत हैं।
🟡 वे
भारत की संस्कृति, व्यापार और शिक्षा में योगदान देते हैं।
🟡 प्रवासी
भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) जैसे आयोजन उनके
योगदान को मान्यता देते हैं।
3. संवैधानिक सीमाएँ
🔴 OCI कार्ड धारकों को
भारतीय नागरिकों के समान सभी अधिकार नहीं मिलते।
🔴 वे
भारत में मतदान नहीं कर सकते, सरकारी नौकरी नहीं कर सकते,
और राजनीतिक पदों पर नहीं बैठ सकते।
🔴 उन्हें
कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं होती।
भारतीय संविधान और नागरिकता से संबंधित अनुच्छेद
📌 संविधान के अनुच्छेद
5 से 11 नागरिकता के नियमों को
परिभाषित करते हैं:
✅ अनुच्छेद 5 – जन्म से नागरिकता
➡ 26 जनवरी 1950
को भारत में रहने वाले व्यक्ति, या जिनके
माता-पिता भारत में जन्मे थे, भारतीय नागरिक माने गए।
✅ अनुच्छेद 6 – पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता
➡ 19 जुलाई 1948
से पहले भारत आने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई।
✅अनुच्छेद 7 – पाकिस्तान गए लोगों की नागरिकता
➡ विभाजन के बाद पाकिस्तान चले
गए लोग, यदि भारत लौटना चाहें, तो
उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा।
✅ अनुच्छेद 9 – दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध
➡ यदि कोई भारतीय
नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो
उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
✅ अनुच्छेद 11 – संसद के अधिकार
➡ संसद को नागरिकता से जुड़े
नए कानून बनाने और संशोधित करने का अधिकार प्राप्त है।
🔹 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:
🔸 State of Bombay vs. F.N. Balsara (1951) – न्यायालय ने स्पष्ट किया कि भारत में एकल नागरिकता की अवधारणा लागू
है और कोई भी व्यक्ति राज्य स्तर पर अलग नागरिकता का दावा नहीं कर सकता।
🔸 Ramesh Gobindram Shah vs. Union
of India (2014) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि OCI कार्ड एक विशेषाधिकार है, लेकिन यह भारतीय नागरिकता
का विकल्प नहीं हो सकता।
भारतीय नागरिकता
अधिनियम, 1955 और OCI कार्ड
📌 OCI कार्ड भारतीय
नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत प्रदान किया जाता है।
📌 इसे
2005 में लागू किया गया और 2015 में
संशोधित किया गया।📌 OCI कार्ड प्राप्त
करने की प्रक्रिया
🟢 जिनके पूर्वज भारत
में जन्मे थे, वे OCI के लिए आवेदन
कर सकते हैं।
🟢 भारतीय
मूल के विदेशी नागरिक, जिनके माता-पिता, दादा-दादी या परदादा भारतीय नागरिक थे, वे भी
इसके लिए पात्र हैं।
🟢 विदेशी
नागरिक, जो भारतीय नागरिक से शादी करते हैं, वे भी 5 साल तक भारत में रहने के बाद OCI के लिए आवेदन कर सकते हैं।
📌 OCI कार्ड
धारकों के अधिकार
✅ भारत में अनिश्चितकाल तक
रहने और यात्रा करने की अनुमति।
✅ भारतीय
संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने और व्यवसाय करने का अधिकार।
✅ संपत्ति
खरीदने (लेकिन कृषि भूमि नहीं) और व्यापार करने की
अनुमति।
📌 OCI कार्ड
धारकों पर प्रतिबंध
🔴 मतदान का अधिकार
नहीं।
🔴 सरकारी
नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
🔴 लोकसभा,
राज्यसभा, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते।
🔴 संविधान
द्वारा संरक्षित कुछ विशेषाधिकारों से वंचित।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Lok Prahari vs. Union of India (2018) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि OCI धारक भारत में
स्थायी निवास कर सकते हैं, लेकिन वे संवैधानिक पदों के लिए
पात्र नहीं होंगे।
OCI कार्ड और नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA)
🔶 नागरिकता संशोधन
अधिनियम, 2019 (CAA) का OCI कार्ड
धारकों पर भी प्रभाव पड़ा है।
📌 मुख्य बिंदु:
✅
CAA के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख,
बौद्ध, जैन, पारसी और
ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की गई।
✅ यदि कोई
OCI कार्ड धारक राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया
जाता है, तो उसका OCI कार्ड निरस्त
किया जा सकता है।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Asomiya
Student Union vs. Union of India (2020) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि CAA से जुड़े मामलों पर सुनवाई की जाएगी, और सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि OCI धारकों पर
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
निष्कर्ष
✅ विदेशी भारतीय नागरिकता (OCI)
उन लोगों के लिए एक विशेष व्यवस्था है, जो
भारत से भावनात्मक और व्यावसायिक रूप से जुड़े रहना चाहते हैं।
✅ भारतीय
संविधान के अनुच्छेद 9 के तहत, भारत
में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।
✅ OCI कार्ड
भारतीय नागरिकता का विकल्प नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है।
✅ भारतीय
न्यायपालिका ने स्पष्ट किया है कि OCI धारकों को सीमित
अधिकार मिलेंगे और वे संवैधानिक पदों पर आसीन नहीं हो सकते।
✅ नागरिकता
संशोधन अधिनियम, 2019 ने OCI कार्ड
धारकों के अधिकारों में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे विवाद
उत्पन्न हुए हैं।
📌 "OCI कार्ड
भारतीय मूल के लोगों को अपने देश से जोड़े रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है,
लेकिन यह भारतीय नागरिकता के समान नहीं है।"
विदेशी भारतीय
नागरिकता (OCI): अक्सर पूछे जाने वाले
प्रश्न (FAQs)
1. विदेशी
भारतीय नागरिकता (OCI) क्या है?
✅ विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas
Citizenship of India - OCI) एक विशेष दर्जा है, जो भारतीय मूल के उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने
किसी अन्य देश की नागरिकता ले ली है, लेकिन वे भारत से
भावनात्मक और व्यावसायिक रूप से जुड़े रहना चाहते हैं।
✅ यह भारतीय
नागरिकता का विकल्प नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है।
2. OCI और
भारतीय नागरिकता में क्या अंतर है?
📌 भारतीय नागरिकता:
🔹 भारतीय
नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत, भारतीय
नागरिकों को मतदान, सरकारी नौकरियों और संवैधानिक पदों पर
आसीन होने का अधिकार मिलता है।
🔹 भारतीय
नागरिक देश की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं।
📌 OCI कार्डधारक:
🔸 OCI धारकों को भारत में अनिश्चितकाल तक रहने और व्यापार करने की अनुमति होती
है, लेकिन वे मतदान, सरकारी
नौकरी, और संवैधानिक पदों के लिए पात्र नहीं होते।
🔸 OCI धारक कृषि भूमि नहीं खरीद सकते।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 State of
Bombay vs. F.N. Balsara (1951) – न्यायालय ने स्पष्ट किया कि
भारत में एकल नागरिकता की अवधारणा लागू है और कोई भी व्यक्ति राज्य स्तर पर अलग
नागरिकता का दावा नहीं कर सकता।
3. OCI कार्ड
कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
✅ निम्नलिखित लोग OCI कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं:
🟢 जिनके
पूर्वज (माता-पिता, दादा-दादी, या
परदादा) भारत में जन्मे थे।
🟢 भारतीय
नागरिक से विवाह करने वाले विदेशी नागरिक, जो कम से कम 5
साल तक भारत में रहे हों।
🟢 विदेश
में जन्मे भारतीय मूल के लोग, जिनके पूर्वज भारतीय नागरिक
थे।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Ramesh
Gobindram Shah vs. Union of India (2014) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि OCI कार्ड एक विशेषाधिकार है, लेकिन यह भारतीय नागरिकता का विकल्प नहीं हो सकता।
4. OCI कार्ड
धारकों को कौन-कौन से अधिकार प्राप्त होते हैं?
✅ भारत में अनिश्चितकाल तक
रहने और यात्रा करने की अनुमति।
✅ भारतीय
संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने और व्यवसाय करने का अधिकार।
✅ संपत्ति
खरीदने (लेकिन कृषि भूमि नहीं) और व्यापार करने की अनुमति।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Lok Prahari
vs. Union of India (2018) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि OCI
धारक भारत में स्थायी निवास कर सकते हैं, लेकिन
वे संवैधानिक पदों के लिए पात्र नहीं होंगे।
5. OCI कार्ड
धारकों को कौन-कौन से अधिकार नहीं मिलते?
🔴 मतदान का अधिकार
नहीं।
🔴 सरकारी
नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
🔴 लोकसभा,
राज्यसभा, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते।
🔴 संविधान
द्वारा संरक्षित कुछ विशेषाधिकारों से वंचित।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Sarbananda Sonowal vs. Union of India (2005) –
न्यायालय ने कहा कि नागरिकता एक विशेषाधिकार है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए।
6. भारतीय
संविधान में नागरिकता से संबंधित कौन-कौन से अनुच्छेद हैं?
📌 संविधान के अनुच्छेद 5
से 11 नागरिकता के नियमों को परिभाषित
करते हैं:
✅ अनुच्छेद 5 – जन्म से नागरिकता
➡ 26 जनवरी 1950
को भारत में रहने वाले व्यक्ति, या जिनके
माता-पिता भारत में जन्मे थे, भारतीय नागरिक माने गए।
✅ अनुच्छेद 6 – पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता
➡ 19 जुलाई 1948
से पहले भारत आने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई।
✅ अनुच्छेद 7 – पाकिस्तान गए लोगों की नागरिकता
➡ विभाजन के
बाद पाकिस्तान चले गए लोग, यदि भारत लौटना चाहें, तो उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा।
✅ अनुच्छेद 9 – दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध
➡ यदि कोई
भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी
भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
✅ अनुच्छेद 11 – संसद के अधिकार
➡ संसद को
नागरिकता से जुड़े नए कानून बनाने और संशोधित करने का अधिकार प्राप्त है।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Asomiya
Student Union vs. Union of India (2020) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि CAA से जुड़े मामलों पर सुनवाई की जाएगी, और सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि OCI धारकों पर
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
7. OCI कार्ड
और नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) का क्या संबंध है?
✅ नागरिकता संशोधन अधिनियम,
2019 (CAA) का OCI कार्ड धारकों पर भी
प्रभाव पड़ा है।
📌 मुख्य बिंदु:
✅ CAA के
तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और
अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध,
जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता
प्रदान की गई।
✅ यदि कोई
OCI कार्ड धारक राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया
जाता है, तो उसका OCI कार्ड निरस्त
किया जा सकता है।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 Asomiya
Student Union vs. Union of India (2020) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि CAA से जुड़े मामलों पर सुनवाई की जाएगी, और सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि OCI धारकों पर
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
8. क्या OCI
कार्डधारक दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) प्राप्त
कर सकते हैं?
🔴 नहीं।
✅ भारतीय
संविधान का अनुच्छेद 9 स्पष्ट रूप से दोहरी
नागरिकता को प्रतिबंधित करता है।
✅ यदि कोई
भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी
भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।
🔹 महत्वपूर्ण
न्यायिक निर्णय:
🔸 यू.एस.
अस्थाना बनाम भारत सरकार (1996) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा
कि नागरिकता समाप्त करने का निर्णय संविधान के अनुरूप होना चाहिए।
विशेष तथ्य
✅ OCI भारतीय मूल के लोगों
को भारत से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, लेकिन यह
भारतीय नागरिकता के समान नहीं है।
✅ संविधान
के अनुच्छेद 9 के तहत, भारत में दोहरी
नागरिकता की अनुमति नहीं है।
✅ OCI कार्ड
धारकों को विशेषाधिकार दिए जाते हैं, लेकिन वे भारतीय
नागरिकों के समान सभी अधिकारों के हकदार नहीं होते।
✅ CAA, 2019 के तहत OCI कार्ड धारकों के लिए कुछ नए नियम लागू
किए गए हैं।
📌 "OCI कार्ड
भारतीय मूल के लोगों को अपने देश से जोड़े रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है,
लेकिन यह भारतीय नागरिकता का विकल्प नहीं है।"