केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों का उद्गम। Origin of Union Territories and States.


 
Origin of Union Territories and States.

केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों का उद्गम।

 

भारत की प्रशासनिक संरचना में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का विशेष महत्व है। इनकी स्थापना और विकास एक ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, जो देश की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं से प्रभावित हुआ है। संविधान में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का स्पष्ट उल्लेख है, जो भारत के संघीय ढांचे को मजबूत करता है।

 

स्वतंत्रता से पूर्व: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

 

🔹 ब्रिटिश शासन के दौरान, भारत ब्रिटिश प्रांतों और रियासतों में विभाजित था।
🔹 ब्रिटिश भारत में वर्तमान भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के कुछ हिस्से और म्यांमार (बर्मा) शामिल थे।
🔹 ब्रिटिश शासित प्रांत सीधे ब्रिटिश सरकार के अधीन थे, जबकि रियासतों पर स्थानीय राजाओं का शासन था।
🔹 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, सबसे बड़ी चुनौती इन रियासतों और प्रांतों को एकीकृत करने की थी।

📌 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:


🔹 Berubari Union Case (1960)सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारत की अखंडता सर्वोपरि है और इसके लिए संसद को विशेष शक्तियाँ दी गई हैं।

 

स्वतंत्रता के बाद: रियासतों का एकीकरण

 

भारत की स्वतंत्रता के बाद 565 से अधिक रियासतें अस्तित्व में थीं, जिनका विलय एक आवश्यक कार्य था।
सरदार वल्लभभाई पटेल और वी.पी. मेनन ने 1947-49 के दौरान रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जूनागढ़, हैदराबाद और कश्मीर जैसी रियासतों का भारत में विलय विशेष परिस्थितियों के तहत हुआ।
संविधान में "राज्यों का संघ" की अवधारणा को स्वीकार किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत एक संप्रभु गणराज्य होगा, न कि संप्रभु राज्यों का समूह।

 

📌 महत्वपूर्ण अनुच्छेद:


🔹
अनुच्छेद 1भारत को "राज्यों का संघ" घोषित करता है।
🔹 अनुच्छेद 3संसद को राज्यों के निर्माण, सीमाओं में परिवर्तन और नाम बदलने की शक्ति देता है।

 

📌 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:


🔹
State of West Bengal v. Union of India (1963)सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान केंद्र को राज्यों पर अधिक नियंत्रण देता है, जिससे इसकी संघीयता अमेरिकी संघीय प्रणाली से अलग है।

 

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956

 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, भाषाई और सांस्कृतिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए 1956 में राज्यों के पुनर्गठन की आवश्यकता महसूस हुई।

राज्य पुनर्गठन आयोग (1953)इसकी अध्यक्षता फज़ल अली ने की, और इसे "फज़ल अली आयोग" भी कहा जाता है।
1956 का राज्य पुनर्गठन अधिनियमइस अधिनियम के तहत भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया।
इससे भारत में 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण हुआ।

 

📌 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:


🔹 Babulal Parate v. State of Bombay (1960)सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पुनर्गठन का अधिकार संसद के पास है और इसमें राज्य विधानसभाओं की सहमति अनिवार्य नहीं है।

 

केंद्रशासित प्रदेशों की स्थापना

 

कुछ क्षेत्रों की विशिष्ट भौगोलिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उन्हें सीधे केंद्र सरकार के प्रशासन के अधीन रखा गया, जिन्हें केंद्रशासित प्रदेश कहा जाता है।
इनका प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासकों या उपराज्यपालों के माध्यम से संचालित होता है।
1971 में मणिपुर, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।

 

📌 वर्तमान में भारत में 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं:

 

1.   दिल्ली

2.   जम्मू और कश्मीर

3.   लद्दाख

4.   चंडीगढ़

5.   अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

6.   लक्षद्वीप

7.   पुदुचेरी

8.   दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

 

📌 महत्वपूर्ण अनुच्छेद:


🔹
अनुच्छेद 239केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
🔹 अनुच्छेद 239Aकेंद्रशासित प्रदेशों के लिए विधानसभाओं का प्रावधान करता है (जैसे दिल्ली और पुडुचेरी)।

📌 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:


🔹
Government of NCT of Delhi v. Union of India (2018)सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को विधायी अधिकार हैं, लेकिन "पुलिस, भूमि और सार्वजनिक व्यवस्था" केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहेंगे।

 

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का विकास

 

📌 2000 में तीन नए राज्यों का निर्माण हुआ:

1.   झारखंड – बिहार से अलग हुआ।

2.   उत्तराखंड – उत्तर प्रदेश से अलग हुआ।

3.   छत्तीसगढ़ – मध्य प्रदेश से अलग हुआ।

 

📌 2014 में तेलंगाना का निर्माण हुआ:


आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना बनाया गया।

 

📌 2019 में जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन हुआ:


अनुच्छेद 370 को समाप्त करके, जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया।

📌 महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय:


🔹
Prem Nath Kaul v. State of Jammu & Kashmir (1959)सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद को राज्यों की सीमाओं में बदलाव करने का अधिकार है।

 

निष्कर्ष

भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का उद्गम एक गतिशील प्रक्रिया का परिणाम है, जो देश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आवश्यकताओं से प्रभावित हुआ है।
संविधान के अनुच्छेद 1 के तहत, भारत "राज्यों का संघ" है, न कि संप्रभु राज्यों का समूह।
राज्यों का पुनर्गठन, प्रशासनिक सुधार और केंद्रशासित प्रदेशों की स्थापना भारत की संघीय प्रणाली को संतुलित करने के लिए किए गए आवश्यक कदम हैं।
संविधान संसद को राज्यों के निर्माण, सीमाओं में बदलाव और नामकरण का अधिकार देता है, जिससे भारत की एकता और अखंडता बनी रहती है।

📌 "भारत की संघीय संरचना ने विविधता में एकता को सुदृढ़ किया है, जिससे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता बनी रहती है।"

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

1. राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 क्या था?


यह अधिनियम भारत में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के लिए पारित किया गया था।

 

2. केंद्रशासित प्रदेश किसे कहते हैं?


वे क्षेत्र जो सीधे केंद्र सरकार के प्रशासन के अधीन होते हैं, केंद्रशासित प्रदेश कहलाते हैं।

 

3. संविधान का अनुच्छेद 1 क्या कहता है?

यह भारत को "राज्यों का संघ" घोषित करता है।

 

4. 2019 में जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन क्यों किया गया?

अनुच्छेद 370 हटाकर, इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित किया गया।

 

5. भारत में वर्तमान में कितने राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं?

भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं।

 

6. किस वर्ष भारत में राज्यों का पहली बार पुनर्गठन किया गया?

1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया।

 

7. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्या अंतर है?

राज्य अपनी स्वयं की निर्वाचित सरकार के साथ स्वायत्त होते हैं, जबकि केंद्रशासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित किए जाते हैं।

 

8. भारत में कितने केंद्रशासित प्रदेशों के पास अपनी विधानसभाएँ हैं?

भारत में वर्तमान में दो केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली और पुडुचेरी) के पास अपनी विधानसभाएँ हैं।

9. तेलंगाना राज्य का गठन कब हुआ?

तेलंगाना का गठन 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग करके किया गया था।

 

🔟 कौन-कौन से नए राज्य वर्ष 2000 में बनाए गए थे?

वर्ष 2000 में तीन नए राज्य बनाए गए थे:

  • झारखंड (बिहार से अलग)
  • उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश से अलग)
  • छत्तीसगढ़ (मध्य प्रदेश से अलग)

 

11. अनुच्छेद 239A क्या है?

यह अनुच्छेद केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी विधानसभाएँ बनाने का प्रावधान देता है (जैसे दिल्ली और पुडुचेरी)।

 

12. भारत का सबसे नया केंद्रशासित प्रदेश कौन सा है?

31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया, ये भारत के सबसे नए केंद्रशासित प्रदेश हैं।

📌 "संविधान का विकास राष्ट्र की उन्नति की नींव है।"

 

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