नागरिकता: एक
महत्वपूर्ण अधिकार और कर्तव्य।
परिचय
"भारत के संविधान के भाग 2 के अंतर्गत अनुच्छेद 5 से 11 तक, में ‘नागरिकता’ की चर्चा की गई है। आइए हम इसे विस्तार से समझे।"
नागरिकता किसी भी
राष्ट्र के अस्तित्व और उसकी संप्रभुता की पहचान होती है। यह न केवल एक व्यक्ति को
उस देश का हिस्सा बनाती है, बल्कि उसे संवैधानिक,
सामाजिक और आर्थिक अधिकार भी प्रदान करती
है। भारत में, नागरिकता का विषय संविधान के अनुच्छेद 5
से 11 में उल्लिखित है। इसके अलावा,
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 नागरिकता
प्राप्त करने, बनाए रखने और समाप्त करने से संबंधित नियमों
को परिभाषित करता है।
हाल के वर्षों में,
नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) और
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2020 (CAB) को लेकर देशभर में
बहस छिड़ी रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य भारतीय नागरिकता प्रक्रिया को सरल
बनाना और शरणार्थियों को राहत प्रदान करना था। इस लेख में, हम
भारतीय नागरिकता के कानूनी ढांचे, नागरिकता अधिनियम,
1955 के महत्वपूर्ण प्रावधानों, संविधान के
अनुच्छेद 5-11, CAA 2019, CAB 2020, और भारतीय न्यायपालिका
के दृष्टिकोण का विस्तृत अध्ययन करेंगे।
भारतीय संविधान और नागरिकता से संबंधित अनुच्छेद
📌 संविधान के अनुच्छेद
5 से 11 में नागरिकता से संबंधित
प्रावधान दिए गए हैं:
✅ अनुच्छेद 5 – भारत में जन्मे लोगों की नागरिकता
➡ यह
अनुच्छेद उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो 26 जनवरी
1950 को या उससे पहले भारत में जन्मे थे, या जिनके माता-पिता में से एक भारत में जन्मे थे, या
जो उस समय भारत में निवास कर रहे थे।
✅ अनुच्छेद 6 – पाकिस्तान से आए लोगों के लिए नागरिकता
➡ भारत के
विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए लोगों को इस अनुच्छेद के तहत नागरिकता दी गई थी,
यदि वे 19 जुलाई 1948 से पहले भारत में आए थे।
✅ अनुच्छेद 7 – भारत छोड़कर गए लोगों की नागरिकता
➡ जो लोग
विभाजन के दौरान भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और बाद में वापस आना चाहते थे,
उनके लिए यह प्रावधान बनाया गया था।
✅ अनुच्छेद 8 – विदेशों में बसे भारतीयों की नागरिकता
➡ जो भारतीय
मूल के लोग किसी अन्य देश में रहते हैं लेकिन भारतीय नागरिकता चाहते हैं, उन्हें भारतीय दूतावास में आवेदन करना होगा।
✅ अनुच्छेद 9 – दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध
➡ भारत में दोहरी
नागरिकता की अनुमति नहीं है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता
प्राप्त करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
✅ अनुच्छेद 10 – नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता
➡ यह
सुनिश्चित करता है कि एक बार नागरिकता मिलने के बाद, व्यक्ति
को वह अधिकार तब तक प्राप्त रहेगा जब तक कि उसे कानूनी रूप से समाप्त न किया जाए।
✅ अनुच्छेद 11 – संसद के अधिकार
➡ यह
अनुच्छेद संसद को यह अधिकार देता है कि वह नागरिकता से जुड़े नए कानून बना सकती
है या मौजूदा कानूनों में संशोधन कर सकती है।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 सरबानंद
सोनी बनाम भारत संघ (1980) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
नागरिकता न केवल एक कानूनी अधिकार है, बल्कि एक राष्ट्रीय
कर्तव्य भी है।
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता प्राप्त करने के तरीके
भारतीय नागरिकता
अधिनियम, 1955 भारतीय
नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के तरीके को नियंत्रित करता है।
📌 भारत में नागरिकता
प्राप्त करने के पाँच तरीके हैं:
🟢 1. जन्म से नागरिकता
(By Birth)
➡ यदि कोई
व्यक्ति 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में जन्मा है, तो वह स्वतः भारतीय नागरिक होगा।
🔵 2. वंशानुगति से
नागरिकता (By Descent)
➡ यदि किसी
व्यक्ति के माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हैं, तो उसे
नागरिकता दी जा सकती है।
🟡 3. पंजीकरण द्वारा
नागरिकता (By Registration)
➡ भारतीय मूल
के वे लोग, जिन्होंने विदेशों में जन्म लिया है और भारत में
रहने की इच्छा रखते हैं, वे पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त
कर सकते हैं।
🟠 4. प्राकृतिककरण
द्वारा नागरिकता (By Naturalization)
➡ यदि कोई
विदेशी व्यक्ति 12 वर्षों तक भारत में निवास करता है,
तो वह नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
🔴 5. क्षेत्रीय
अधिग्रहण द्वारा नागरिकता (By Incorporation of Territory)
➡ यदि किसी
नए क्षेत्र को भारत में शामिल किया जाता है, तो उस क्षेत्र
के नागरिक स्वतः भारतीय नागरिक बन जाते हैं।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 प्रवासी
भारतीय संघ बनाम भारत सरकार (2005) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं दी जा सकती।
नागरिकता संशोधन
अधिनियम, 2019 (CAA) और नागरिकता संशोधन विधेयक,
2020 (CAB)
🔶 नागरिकता
संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA)
✅ यह अधिनियम अफगानिस्तान,
पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख,
बौद्ध, जैन, पारसी और
ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है।
✅ 31 दिसंबर
2014 से पहले भारत आए इन धर्मों के शरणार्थियों को नागरिकता लेने के लिए 12 वर्षों की बजाय केवल
5 वर्षों तक भारत में रहना होगा।
✅ CAA के
तहत मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया, जिससे यह अधिनियम
विवादों में रहा।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 असमी
स्टूडेंट यूनियन बनाम भारत सरकार (2020) – सुप्रीम कोर्ट
ने कहा कि CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की
जाएगी।
नागरिकता संशोधन
विधेयक, 2020 (CAB)
✅ यह विधेयक CAA को लागू करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए प्रस्तावित किया गया था।
✅ इसमें
नागरिकता आवेदन की प्रक्रिया को डिजिटल करने और राज्यों को इसमें शामिल करने के
उपाय शामिल थे।
✅ केंद्र
सरकार और राज्य सरकारों को आपसी समन्वय से नागरिकता प्रदान करने का अधिकार दिया
गया।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 CAB, 2020 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएँ लंबित हैं, जिसमें
सरकार से स्पष्टता मांगी गई है।
नागरिकता समाप्त होने के कारण
📌 नागरिकता समाप्त
होने के तीन प्रमुख कारण हैं:
📌 1. स्वेच्छा से
त्याग (Renunciation):
➡ यदि कोई
व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय
नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
📌 2. निरसन (Termination):
➡ यदि कोई
व्यक्ति भारतीय नागरिक होते हुए भी किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है,
तो उसकी नागरिकता खत्म हो जाएगी।
📌 3. वंचित (Deprivation):
➡ यदि कोई
व्यक्ति राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है या धोखाधड़ी से
नागरिकता प्राप्त करता है, तो सरकार उसकी नागरिकता
समाप्त कर सकती है।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 यू.एस.
अस्थाना बनाम भारत सरकार (1996) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा
कि नागरिकता समाप्त करने का निर्णय संविधान के अनुरूप होना चाहिए।
निष्कर्ष
✅ नागरिकता न केवल एक
अधिकार है, बल्कि यह राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी भी है।
✅ CAA, 2019 और CAB, 2020 नागरिकता नीति को सरल बनाने के लिए लाए
गए।
✅ संविधान
के अनुच्छेद 9 के तहत भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति
नहीं है।
📌 "नागरिकता केवल
कानूनी स्थिति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और
प्रतिबद्धता भी है।"
अक्सर पूछे जाने
वाले प्रश्न (FAQs) - नागरिकता और नागरिकता
संशोधन विधेयक 2020
भारत में नागरिकता
से जुड़े कई सवाल लोगों के मन में उठते हैं, खासकर नागरिकता
अधिनियम, 1955 और हाल के नागरिकता संशोधन अधिनियम,
2019 (CAA) एवं नागरिकता संशोधन विधेयक, 2020 (CAB) को लेकर। यहाँ हम नागरिकता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देंगे,
जो संविधान, कानून और न्यायिक निर्णयों पर
आधारित हैं।
1. भारत में
नागरिकता प्रदान करने के कितने तरीके हैं?
✅ भारतीय नागरिकता अधिनियम,
1955 के तहत नागरिकता प्राप्त करने के 5 तरीके हैं:
🟢 (1) जन्म से नागरिकता (By Birth): यदि कोई व्यक्ति 1
जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा है,
तो वह भारतीय नागरिक होगा।
🔵 (2) वंशानुगति से नागरिकता (By Descent): यदि
माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक है, तो व्यक्ति
नागरिकता के लिए योग्य हो सकता है।
🟡 (3) पंजीकरण द्वारा नागरिकता (By Registration): भारत
में रहने वाले विदेशी व्यक्ति या भारतीय मूल के लोग आवेदन कर सकते हैं।
🟠 (4) प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता (By Naturalization): यदि कोई व्यक्ति 12 वर्षों तक भारत में निवास
करता है, तो वह आवेदन कर सकता है।
🔴 (5) क्षेत्रीय अधिग्रहण द्वारा नागरिकता (By Incorporation of
Territory): यदि किसी नए क्षेत्र को भारत में शामिल किया जाता
है, तो उसके निवासी भारतीय नागरिक बन जाते हैं।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 प्रवासी
भारतीय संघ बनाम भारत सरकार (2005) – सुप्रीम कोर्ट ने
स्पष्ट किया कि भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं दी जा सकती।
2. नागरिकता
संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 क्या है?
✅ CAA, 2019 अफगानिस्तान,
पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014
तक भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान
करता है।
✅ इससे पहले,
नागरिकता लेने के लिए 12 साल भारत में निवास
करना आवश्यक था, लेकिन CAA के तहत
यह समय सीमा 5 वर्ष कर दी गई।
✅ CAA में
मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया, जिससे यह
विवादित बन गया।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 असमी
स्टूडेंट यूनियन बनाम भारत सरकार (2020) – सुप्रीम कोर्ट
ने कहा कि CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की
जाएगी।
3. नागरिकता
संशोधन विधेयक (CAB), 2020 क्या है?
✅ CAB, 2020 नागरिकता
संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने की प्रक्रिया को सरल
बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया था।
✅ इसमें
नागरिकता आवेदन की प्रक्रिया को डिजिटल करने और राज्यों को इसमें शामिल करने के
उपाय शामिल थे।
✅ केंद्र
सरकार और राज्य सरकारों को आपसी समन्वय से नागरिकता प्रदान करने का अधिकार दिया
गया।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 CAB, 2020 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएँ लंबित हैं, जिसमें सरकार से स्पष्टता मांगी गई है।
4. भारत में
दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) की अनुमति क्यों नहीं है?
✅ संविधान के अनुच्छेद 9
के अनुसार, यदि कोई भारतीय नागरिक किसी
अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है, तो उसकी भारतीय
नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।
✅ इसका
उद्देश्य राष्ट्रीय अखंडता बनाए रखना और भारत की संप्रभुता को मजबूत करना
है।
✅ हालांकि,
भारत सरकार ने "ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ
इंडिया (OCI) कार्ड" की
सुविधा दी है, जिससे प्रवासी भारतीय भारत में कुछ विशेष
सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 यू.एस.
अस्थाना बनाम भारत सरकार (1996) – सुप्रीम कोर्ट ने
स्पष्ट किया कि नागरिकता समाप्त करने का निर्णय संविधान के अनुरूप होना चाहिए।
5. भारत में
नागरिकता समाप्त होने के क्या कारण हो सकते हैं?
📌 नागरिकता समाप्त होने
के तीन प्रमुख कारण हैं:
📌 1. स्वेच्छा
से त्याग (Renunciation):
➡ यदि कोई
व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय
नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
📌 2. निरसन
(Termination):
➡ यदि कोई
भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
📌 3. वंचित
(Deprivation):
➡ यदि कोई
व्यक्ति राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है या धोखाधड़ी से
नागरिकता प्राप्त करता है, तो सरकार उसकी नागरिकता
समाप्त कर सकती है।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 सरबानंद
सोनी बनाम भारत संघ (1980) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकता
न केवल एक कानूनी अधिकार है, बल्कि एक राष्ट्रीय
कर्तव्य भी है।
6. क्या CAA
और CAB किसी भारतीय नागरिक को प्रभावित करते
हैं?
✅ नहीं, CAA और CAB भारत के किसी भी मौजूदा नागरिक को प्रभावित
नहीं करते।
✅ ये केवल अफगानिस्तान,
पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने से संबंधित हैं।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 CAA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएँ दाखिल हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया गया है।
7. नागरिकता
के अधिकार और जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
✅ नागरिकता के अधिकार:
✔ भारतीय
नागरिकों को मतदान का अधिकार, सरकारी नौकरियों में
अवसर, मौलिक अधिकारों का लाभ और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच मिलती है।
✅ नागरिकों की
जिम्मेदारियाँ:
✔ संविधान का
सम्मान करना,
✔ राष्ट्र की
अखंडता बनाए रखना,
✔ करों का
भुगतान करना,
✔ कानूनों का
पालन करना,
✔ राष्ट्रीय
सेवा में भाग लेना।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 केशवानंद
भारती बनाम केरल राज्य (1973) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
संविधान के अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं।
8. भारतीय
संविधान में नागरिकता से संबंधित कौन-कौन से अनुच्छेद हैं
✅ संविधान के अनुच्छेद 5
से 11 नागरिकता से संबंधित हैं:
🔹 अनुच्छेद 5
– भारत में जन्मे लोगों की नागरिकता।
🔹 अनुच्छेद
6 – पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता।
🔹 अनुच्छेद
7 – भारत छोड़कर गए लोगों की नागरिकता।
🔹 अनुच्छेद
8 – विदेशों में बसे भारतीयों की नागरिकता।
🔹 अनुच्छेद
9 – दोहरी नागरिकता पर प्रतिबंध।
🔹 अनुच्छेद
10 – नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता।
🔹 अनुच्छेद
11 – संसद को नागरिकता से जुड़े कानून बनाने का अधिकार।
📌 महत्वपूर्ण न्यायिक
निर्णय:
🔹 स्टेट
ऑफ वेस्ट बंगाल बनाम भारत संघ (1963) – सुप्रीम कोर्ट ने
कहा कि नागरिकता का निर्धारण संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।
विशेष कथन
✅ नागरिकता किसी भी राष्ट्र
के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है।
✅ CAA, 2019 और CAB, 2020 नागरिकता नीति को स्पष्ट और सरल बनाने
के लिए लाए गए।
✅ संविधान
के अनुच्छेद 9 के तहत भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति
नहीं है।
✅ नागरिकता
केवल कानूनी स्थिति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और
प्रतिबद्धता भी है।
"सशक्त नागरिक, सशक्त राष्ट्र।"